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या रब्ब ए मुस्तफ़ा तू मुझे हज पे बुला Ya Rabbe Mustafa Tu Mujhe Hajj Pe Bula Lyrics in Hindi: अगर आपको नात शरीफ पढना पसंद है ऐसे में आपके लिए एक और नात शरीफ हिंदी में लेकर हाजिर है Ya Rabbe Mustafa Tu Mujhe Hajj Pe Bula
Ya Rabbe Mustafa Lyrics in Hindi
नात शरीफ | या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा हिंदी में |
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शायर | मुहम्मद इल्यास अत्तार क़ादरी |
नात-ख़्वाँ | हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी |
पोस्ट तारीख | 09/09/2022 |
पोस्ट तारीख | 09/09/2022 |
क्रेडिट | InHindiLive.Com |
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अन्य नात शरीफ | अलविदा अलविदा नात शरीफ |
या रब्ब ए मुस्तफ़ा तू मुझे हज पे बुला लिरिक्स इन हिंदी
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा………या अल्लाह 8 टाइम
- हज का शरफ़ हो फिर ‘अता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- मीठा मदीना फिर दिखा, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा……या अल्लाह 8 टाइम
- रुख़ सू-ए-का’बा, हाथ में ज़मज़म का जाम हो
- पी कर करूँ मैं फिर दु’आ, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- या अल्लाह ! या अल्लाह !, या अल्लाह ! या अल्लाह !
- रोती रहे जो हर घड़ी ‘इश्क़-ए-रसूल में
- वो आँख दे दे, या ख़ुदा ! या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- या अल्लाह ! या अल्लाह !, या अल्लाह ! या अल्लाह !
- दे दे तवाफ़-ए-ख़ाना-ए-का’बा का फिर शरफ़
- फ़रमा ये पूरा मुद्द’आ, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- या अल्लाह ! या अल्लाह !, या अल्लाह ! या अल्लाह !
- आँखों में जल्वा शाह का और लब पे ना’त हो
- जब रूह तन से हो जुदा, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा……….या अल्लाह 8 टाइम
- फ़िरदौस में पड़ोस दे अपने हबीब का
- मौला ‘अली का वासिता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा………या अल्लाह 8 टाइम
- सब अहल-ए-ख़ाना साथ में हों, काश ! चल पड़े
- सू-ए-मदीना क़ाफ़िला, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा……..या अल्लाह 8 टाइम
- तू बे-हिसाब बख़्श दे ‘अत्तार-ए-ज़ार को
- तुझ को नबी का वासिता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा……………या अल्लाह 8 टाइम
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