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कौन शहर मक्का में सुबह-सुबह आया है गजल Kon shehre makka me: आज एक और नात शरीफ कौन शहर मक्का में सुबह-सुबह आया है गजल नात शरीफ कव्वाली kon shehre makka me lyrics hindi
कौन शहर मक्का में सुबह-सुबह आया है गजल
- kon shehre makka me lyrics hindi
- ग़ौस का करम, ग़ौस की ‘अता
- ग्यारहवीं शरीफ़ ग्यारहवीं शरीफ़
- आशिक़ों का दिल आज बोल उठा,
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की ‘अता ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- गर ‘अदू-ए-दीन का दिल जले, या दिलरुबा
- रुक सका न रुक सके, जश्न ग़ौस-ए-पाक का
- हम मनाएँगे, बा-ख़ुदा ! सदा
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- महफ़िलों का दौर है, हर गली में शोर है
- ख़ूब कीजिए नियाज़, सुन्नियों का तौर है
- फ़ज़्ल-ए-किब्रिया, शान-ए-औलिया
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ये करामतें भी, हाँ ! देखी हम ने बारहा
- ग़ौस-ए-पाक ने वली चोर को बना दिया
- उन का नक़्श-ए-पा चूमे औलिया
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- जलने वाला तो जले, उस का हम भी क्या करें
- महफ़िलों में ना’रा अब ग़ौस-ए-पाक का लगे
- ना’रा ग़ौस का, झूम कर लगा
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की ‘अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- इस का फ़ैज़ ग़ैर भी रात-दिन उठा रहे
- जिन्न-ओ-इंसां ‘इश्क़ में जश्न ये मना रहे
- इश्क़ की जज़ा, बुग़्ज़ की सज़ा
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- उन की ज़ात बा-वक़ार, उन का नाम शानदार
- बेख़ुद-ए-हज़ीं ! मिला उन के ज़िक्र से क़रार
- कैसे छोड़ दूँ, फिर बता ज़रा
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
- ग़ौस का करम, ग़ौस की ‘अता
- ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
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