तरावीह नमाज़ का तरीका Taraweeh Namaz Ka Tarika: रमजान का महीना इस्लाम धर्म में बहुत पवित्र/पाक महिना है इस महीने में 29/30 दिन का रोजा रखा जाता है जो चाँद पर निर्भर करता है पांच वक्त की नमाज आम दिन में पढ़ी जाती है लेकिन रमजान के महीने में एक और नमाज तरावीह की नमाज़ पढ़ते है ऐसे में आइये जाने तरावीह की नमाज का तरीका, Taraweeh ki Namaz Ka Tarika Dua In Hindi
तरावीह की नमाज़
Taraweeh ki Namaz Kya Hai in Hindi: इस्लाम के अनुसार नमाज हर एक मुसलामन पर फर्ज है जो नमाज नहीं पढ़ता वह गुनाह के साथ साथ खुद के लिए दोजख का द्वार भी खोलता है इसलिए इस्लाम में 5 वक्त की नमाज समय पर अदा करना बेहद जरुरी है लेकिन रमजान के महीने में तरावीह की नमाज़ बढ़ जाती है
तरावीह नमाज़ का तरीका
रमजान महीने में तरावीह की नमाज पहला रोजा शुरू होने से पढ़ा जाता है ईशा नमाज अदा करने के बाद तरावीह की नमाज पढ़ा जाता है इस नमाज में कुरआन शरीफ की हर दिन कुछ आयात/सूरह/पारा हिफ्ज कुरआन हाफिज के द्वारा पढ़ी जाती है यह सिलसिला जब तक कुरआन शरीफ का 30 पारा ख़त्म नहीं हो जाता तक चलता है
रमजान के 30 रोजा ख़त्म होते होते तरावीह की नमाज़ एंव कुरआन शरीफ का 30 पारा ख़त्म करना जरुरी होता है तरावीह की नमाज़ सुन्नते मौअक्क्दा है इसलिए छोड़ना जाइज नहीं है
पांच वक्त की नमाज का नाम
- फज्र
- जोहर
- असर
- मगरिब
- ईशा
- रमजान के महीने में तरावीह की नमाज़
नियत कैसे करे: तरावीह नमाज़ का तरीका
- जब भी नमाज पढ़ी जाती है ऐसे में हर नमाज की नियत की जाती है
- अगर सुन्नत नमाज पढ़ने जा रहे तो सुन्नत नमाज की नियत करना होता है
- अगर फर्ज नमाज पढ़ने जा रहे तो फर्ज नमाज की नियत करना होता है
- ऐसे ही अगर तरावीह की नमाज पढ़ने जा रहे तो तरावीह नमाज की नियत करना जरुरी है
- Taraweeh Namaz Ki Niyat- नियत की मैंने दो रकआत नमाज़ सुन्नत तरावीह की वक्त ईशा
- वास्ते अल्लाह ताअला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ पीछे इस इमाम के अल्लाहु अकबर
- अगर मस्जिद में कोई तरावीह की नमाज की नियत कर रहा है तो पीछे इस इमाम के जोड़े
HIGHLIGHT
- कुल 20 रकात की तरावीह नमाज़ होती है जिसे 2+2 करके पढ़ा जाता है
औरत का तरीका: तरावीह नमाज का तरीका
Aurat Taraweeh Ki Namaz Kaise Padhe: तरावीह की नमाज़ मर्द/औरत दोनों के लिए सुन्नत-ए-मौअक्कदा है इसलिए इसे छोड़ना जायज नहीं है
- तरावीह (Taraweeh) की नमाज का तरीका यूँ ही कि –
- सबसे पहले ईशा की नमाज पढ़े
- वित्र ईशा की नमाज, तरावीह की नमाज के बाद पढ़े
- मर्द/औरत दोनों को पहले तरावीह की नमाज की नियत करना है
- तरावीह की नमाज 20 रकात की होती है जिसे 2+2 रकात करके पढ़ना होता है
- मर्द मस्जिद में इमाम के साथ नमाज पढ़ते है
- और मस्जिद में इमाम साहब 2+2 रकात करके ही नमाज पढ़ाते है
- औरत/मर्द दोनों को कोई भी नमाज पढ़ने से पहले नमाज की नियत पहले करना चाहिए
- ऐसे ही तरावीह की नमाज पढने से पहले औरत/मर्द दोनों को तरावीह नमाज की नियत पहले करना चाहिए
तरावीह नमाज़ का तरीका
- अगर घर पर तरावीह की नमाज पढ़ रहे है
- ऐसे में Taraweeh की नमाज का तरीका यूँ है कि
- जिस तरह से अन्य नमाज जैसे फज्र, जुहूर, असर मगरिब ईशा की पढ़ते है
- ऐसे ही आपको तरावीह की नमाज भी पढ़ना है
- मर्द अगर मस्जिद में तरावीह नमाज़ पढ़ रहे है तो
- सबसे पहले सना पढ़े उसके बाद इमाम जो पढ़ रहे हों उसे ध्यान से सुने
- औरत की तरावीह नमाज अन्य नमाज की तरह पढना है
- नमाज का तरीका औरतों के लिए और लड़कों के लिए पहले बताया गया है
- तरावीह की 20 रकात नमाज पढ़ना पड़ता है
- 2×2=4 रकात नमाज मुकम्मल करें फिर तरावीह नमाज की दुआ पढ़े
- दुआ पढ़ने के बाद फिर से 2×2=4 रकात नमाज पढ़े और फिर से तरावीह नमाज की दुआ पढ़े
- यही प्रक्रिया आपको 20 रकात तरावीह नमाज मुकम्म्मल होने तक करते रहना है
तरावीह नमाज़ की दुआ हिंदी में
- Namaz Taraweeh Dua in Hindi
- सुबहाना ज़िल मुलकी वल मलाकूत सुबहाना
- ज़िल इज्ज़ती वल अज़मती वल हैबती वल क़ुदरती
- वल किबरियाई वल जबारूत सुबहानल मलिकिल
- हययिल लज़ी ला यनामु वला यमूतु सुब-बूहुन कुद्दू सुन
- रबबुना वा रबबुल मलाइकती वररूह अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नार या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर
NAMAZ TARAWEEH DUA IN ARABIC
سُبْحَانَ ذِى الْمُلْكِ وَالْمَلَكُوْتِ سُبْحاَنَ ذِى الْعِزَّةِ وَالْعَظْمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْكِبْرِيَآءِ وَالْجَبَرُوْتِ سُبْحَانَ الْمَلِكِ الْحَىِّ الَّذِىْ لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوْحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلٰٓئِكَةِ وَالرُّوْحِ اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ
RAKAT: तरावीह की नमाज़ कितनी रकात है
तरावीह की नमाज 20 रकात की होती है 2+2+4 रकात मुकम्मल करें उसके बाद तरावीह नमाज़ की दुआ पढ़ना चाहिए इसी तरह से कुल 5 बार 2+2=4 रकात तरावीह की नमाज पढ़ना है और हर 4 रकात पर दुआं