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तरावीह की तस्बीह Taraweeh Ki Tasbeeh Sunni New

तरावीह की तस्बीह Taraweeh Ki Tasbeeh Sunni तरावीह की दुआ हिंदी में तरावीह की नियत कैसे बांधी जाती है औरतों की तरावीह की नमाज़ का तरीका औरतें तरावीह की नमाज कैसे पढ़े

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तरावीह की तस्बीह Taraweeh Ki Tasbeeh Sunni: नमाज मर्द और औरत दोनों के लिए अल्लाह पाक ने पढ़ने का हुक्म है हर दिन – पांच वक्त की नमाज समय पर पढ़ी जाती है लेकिन रमजान के ख़ास महीने में तरावीह की नमाज भी पढ़ी जाती है तरावीह की नमाज सुन्नत-ए-मुवक्किदा है जिसे न पढ़ने पर इंसान गुनाहगार होगा

सुन्नत-ए-मुवक्किदा

Sunnat Mokadda Meaning In Hindi: इस्लाम में अधिकतर शब्द अरबी में होते है इसलिए अधिकतर लोग बहुत से शब्द के अर्थ मतलब नहीं समझ पाते है जैसे~ सुन्नत-ए-मुवक्किदा

सुन्नत-ए-मुवक्किदा का मतलब होता है ~ पैगंबर मुहम्मद साहिब ( सल्ल.) का किया हुआ अमल, जिसके करने से सवाब मिलता है। उसे कहते है

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आसान शब्दों में कहे तो सुन्नत-ए-मुवक्किदा का मतलब नबी सल्ल. की लाइफस्टाइल कॉपी करना है आपका उठना, बैठना, चलना, खाना खाना, पसंद, नापसंद इत्यादि जो नबी सल्ल. अपने जीवन काल के दौरान करते थे उसे ही सुन्नत-ए-मुवक्किदा के नाम से जाना जाता है

नमाज-ए-तरावीह

  • रमजान के पवित्र महीने में नमाज-ए-तरावीह पढ़ी जाती है
  • मर्द और औरतों दोनों के लिए नमाज-ए-तरावीह सुन्नत-ए-मुवक्किदा है
  • अगर इस नमाज को नहीं पढ़ा जाएँ तो गुनाहगार होंगे
  • मर्द/लड़का मस्जिद में जाकर तरावीह की नमाज पढ़े
  • औरत घर पर ही रहकर तरावीह की नमाज पढ़े
  • हदीस के मुताबिक़ औरतों की नमाज अकेले होनी चाहिए
  • जमाअत में नमाज औरतों की पढ़ने से मनाही की गई है
  • औरत की जमाअत मकरूहे तहरिमी व् गुनाह है ~ दुर्रे मुख़्तार जिल्द १ पृ० ४७२

औरतें तरावीह की नमाज कैसे पढ़े

  • तरावीह की नमाज का तरीका यूँ है कि~
  • औरतें तरावीह की नमाज पढ़ने के लिए बावुजू क़िबला रुख होकर खड़ी हो जाएँ
  • सबसे पहले ईशा की 17 रकात नमाज में से 14 रकत नमाज पढ़ ले
  • ईशा वित्र की 3 रकात नमाज, तरावीह की नमाज बाद पढ़े
  • वावुजू क़िबला रुख होकर पाक साफ़ जमीं पर औरतें 2/20 रकत तरावीह नमाज की नियत सबसे पहले करें
  • नियत करने के बाद जिस तरह से अन्य नमाज की 2 रकात नमाज पढ़ती है
  • ठीक वैसे ही औरतें तरावीह की नमाज भी पढ़े
  • जब औरतें तरावीह की 2 रकात नमाज ख़त्म हो जाएँ
  • उसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े

तरावीह की तस्बीह

Taraweeh Ki Tasbeeh DUA In Hindi

सुब्हा-नल मलिकिल क़ुद्दूस * सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत * सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत * सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत * सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह * अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि * या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर

~ तरावीह की तस्बीह/दुआ

HIGHLIGHT

  • तरावीह की नमाज कुल 20 रकात की होती है
  • जिसे 2+2=4 रकत करके पढ़ा जाता है
  • तरावीह की नमाज की नियत 20 रकात की एक साथ कर सकते है
  • अगर चाहे तो हर बार तरावीह की नमाज की नियत 2 रकात पूरी होने के बाद करें
  • और जब 4 रकात तरावीह की नमाज ख़त्म हो जाएँ उसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • अगर 20 रकात तरावीह की नमाज की नियत करते है तो केवल एक बार ही नमाज की नियत करना है
  • हर 2 रकत नमाज पूरा होने के बाद सलाम फेरे और फिर से 2 रकात पढ़ने के लिए खड़े हो जाएँ
  • नमाज की नियत दिल के इरादे से मुकम्मल हो जाती है
  • फिर भी जुबानी नमाज की नियत करना चाहे तो कर सकते है
  • जब चार रक्आत तरावीह की नमाज मुकम्मल हो जाएँ तो इतनी देर बैठना मुस्तहब है
  • जितने देर में चार रकात तरावीह की नमाज पढ़ी है और इख़्तियार है इतनी देर चाहे चुप बैठा रहे
  • चाहे कलिमा/दुरुद शरीद/कोई भी दुआ पढ़े आम तौर पर तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़ी जाती है

9 Minutes Me 9 Quran Ka Sawab

हदीस के मुताबिक़ कुछ ब्यान कुरआन/कुरान के बारें में कुछ इस तरह से है ~

  1. सुरह फातिहा 3 बार पढ़ने पर, दो बार कुरआन शरीफ पढने का सवाब है ~तफ्सीर मजहरी
  2. आयतल कुर्सी चार बार पढने का सवाब एक बार कुरआन मजीद पढने के बराबर है ~तफ्सीर मवाहिबुर रहमान
  3. सुरह कद्र चार बार पढ़ने का सवाब एक बार कुरआन पढने के बराबर है ~फिरदौस वैलमी
  4. सूरह जिल्जाल दो बार पढने का सवाब, एक बार कुरआन मजीद पढने के बराबर है ~तफ्सीर मवाहिबुर्रहमान
  5. सुरह तकासुर एक बार पढने का सवाब, एक बार कुरआन मजीद पढने के बराबर है ~मिश्कात शरीफ
  6. सूरह काफिरून चार बार पढ़ने का सवाब एक बार कुरआन मजीद पढने के बराबर है ~तिरमिजी शरीफ
  7. सुरह नस्र चार बार पढने का सवाब एक बार कुरआन शरीफ पढने के बराबर है ~तिरमिजी शरीफ
  8. सूरह इख्लाश तीन बार पढ़ने का सवाब एक बार कुरआन मजीद के बराबर है ~बुखारी शरीफ
  9. सुरह आदियात दो बार पढ़ने का सवाब एक बार कुरआन मजीद पढने के बराबर है

NOTE

  • इतना पढ़ने के बाद, कुरआन शरीफ पढने/एक हजार आयतों के पढने के बराबर सवाब होता है
  • इन सूरतो को पढने के बाद खानदान के मरहूमीन और तमाम मरहूमीन की रूह को इसाले सवाब के लिए दुआ जरुर करें

तरावीह की तस्बीह हिंदी में

रमजान के महीने में 20 रकात तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है जिसे निम्न तरीका से पढ़ते है

  • पहला 2+2=4 इसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • दूसरा 2+2=4 इसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • तीसरा 2+2=4 इसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • चौथा 2+2=4 इसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • पांचवा 2+2=4 इसके बाद तरावीह की तस्बीह/दुआ पढ़े
  • कुल 20 रकात नमाज मुकम्मल हुआ इसके बाद अल्लाह रब्बुल इज्जत से दुआ मांगे
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