इफ्तार की दुआ हिंदी में Roza Iftar KI Dua in Hindi: रमजान मुबारक का पहला रोजा 24 मार्च 2023 को रखा जाएगा ऐसे में इफ्तार की दुआ (Iftar ki dua) और सेहरी की दुआ यहाँ लिखा हुआ शेयर कर रहे है
रमजान मुबारक की जानकारी
रमजान का मुबारक महिना एक पवित्र महीना है इस महीने का इन्तेजार हर मुसलामन बेसब्री से करता है क्योकि रमजान पाक बरकतों का महीना है रमजान के महीने में हर एक नेकी का बदला 70 गुना होता है
इस्लाम धर्म के मानने वाले मुसलमान 30 दिन का रमजान का रोजा रखने के साथ साथ तरावीह की नमाज पढ़ते है अन्य महीनों में 5 वक्त की नमाज पढ़ी जाती है लेकिन रमजान के महीने में तरावीह की नमाज बढ़ जाती है
HIGHLIGHT
- सूरज निकलने से पहले रोजा (सेहरी) रखने की नियत करते है
- सेहरी का मतलब हल्का भोजन करते है
- रमाजन रोजा की सेहरी खाने के बाद पुरे दिन न ही कुछ खाते है न ही जल ग्रहण करते है
- दिन भर रोजा रखने के बाद शाम को इफ्तार का समय होता है
- ऐसे में इफ्तार की दुआ (रोजा खोलने की दुआ) पढ़कर इफ्तार करते है
- ईशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज पढ़ते है
सेहरी की दुआ हिंदी में
Roza Sehri Dua in Hindi: रमजान का रोजा रखने की दुआ यानी सेहरी की नियत पहले किया जाता है इसलिए सेहरी की दुआ पहले जाने:-
- सेहरी की नियत हिंदी में – रोजा रखने की दुआ –
- दुआ हिंदी में : व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरी रमजान
- तर्जुमा हिंदी में: मैं रमजान के इस रोजे की नियत करता/करती हूँ
- उर्दू में: وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ” شَهْرِ رَمَضَانَ”
इफ्तार की दुआ इन हिंदी
शाम के समय रोजेदार रोजा खोलते है जिसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है रोजा इफ्तार की दुआ हिंदी में लिखा हुआ आगे पढ़े-
- इफ्तार की दुआ (Iftar Dua) लिखा हुआ यूँ है कि-
- इफ्तार दुआ: अल्लाहुमा लका सुमतु व बि क आमन्तू
- व अलै क तवककल्तु व अला रिजि का अफ्तरतो
- उर्दू में इफ्तार की दुआ –
- اَللّٰهُمَّ اِنِّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ
सेहरी और इफ्तार की दुआ हिंदी में
इस्लाम में हर काम का मकसद बताया गया है रोजा इफ्तार की दुआ और सेहरी की दुआ का एक मकसद होता है जैसे सेहरी करके आप अल्लाह के नाम से रोजा रखने की नियत करते है ठीक ऐसे ही इफ्तार करके अल्लाह पाक की दी हु नेमतों से इफ्तार यानी खाते है रोजा रखने का मकसद भूख प्यास महसूस करना है गुनाहों से बचना है दुनिया में जिस वजह से इन्सान को पैदा किया गया है उस मकसद को पूरा करना है
ROZA RAKHNE (SEHRI) KI DUA-
व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरी रमजान
ROZA KHOLNE (IFTAR) KI DUA –
अल्लाहुमा लका सुमतु व बि क आमन्तू व अलै क तवककल्तु व अला रिजि का अफ्तरतो
रोजा रखने के फायदे और नुकसान
- रोजा रखने के बहुत फायदे है पहला फायदा अल्लाह पाक आपसे खुश होग
- आप पर अल्लाह की रहमत होगी
- रमजान रोजा रखने के बाद हर एक नेकी का बदला 70 गुना मिलता है
- गुनाह की माफ़ी जल्दी होती है
- अल्लाह पाक आपके गुनाह को माफ़ कर देता है
- रमजान बरकत का महीना है इसलिए नेकी करें 70 गुना इनाम पायें
- रोजा रखने से शारीरिक फायदे भी है जैसे:
- दिन भर रोजा रहने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है
- दिल से जुडी बीमारी के लिए बहुत फायदेमंद है
- गरीब जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है उनके भूख प्यास का एहसास होता है
- इस तरह से आप को दुसरे की तकलीफ भी महसूस हो जाती है
- रोजा रखने के फायदे और नुकसान क्लिक से अधिक जाने
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