रमजान की हदीस की बातें Ramzan Hadees IN Hindi: रमजान का मुबारक महिना 2023 में चल रहा है ऐसे में आपके लिए रमजान की हदीस की बातें जो भी है उनमे से कुछ आपके साथ शेयर कर रहे है
रमजान की हदीस की बातें
- सहाल बिन साद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की
- रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया
- जन्नत में एक दरवाज़ा है जिसे अर-रेयान कहते हैं
- क़यामत के दिन उस दरवाज़े से सिर्फ़ रोज़ेदार ही जन्नत में दाखिल होंगे
- उनके सिवा और कोई उसमें से दाखिल नही होगा
- पुकारा जाएगा की रोज़ेदर कहा हैं ?
- वो खड़े हो जाएँगे, उनके सिवा उस से और कोई अंदर नही जाने पाएगा
- और जब ये लोग अंदर चले जाएँगे तो ये दरवाज़ा बंद कर दिया जाएगा
- फिर उस से कोई अंदर नही जा सकेगा
~ सही बुखारी , जिल्द 3, 1896
- रसूल-अल्लाह सललल्लाहू-अलैही-वसल्लम ने फ़रमाया
- जो किसी रोज़ेदार का रोज़ा इफ़्तार कराए तो
- उसको भी उसके बराबर सवाब मिलेगा और
- रोज़ेदार के सवाब में कमी भी नही होगी
~ सुनन इब्न माजा, जिल्द 1 , हदीस 1746-सही
- रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया
- जब तुम में से कोई इफ़्तार करे तो
- खजूर से करे और अगर खजूर ना मिले तो
- पानी से करे क्यूंकि पानी पाक करने वाला है
~ सुनन इब्न माजा,जिल्द 1, 1699-सही
- नबी करीम ﷺ ने फरमाया-
- सुन लो बदन मैं एक गोश्त का टुकड़ा है
- जब वो सही होगा सारा बदन सही होगा
- और जहाँ वो बिगड़ा सारा बदन बिगड़ गया।
- सुन लो वो टुकड़ा आदमी का दिल है।
~ बुखारी 52
- अल्लाह तआला फरमाता है –
- ऐ ईमान वालो! तुम पर रोज़े फ़र्ज़ कर दिए गये हैं
- जैसा की तुमसे पहले लोगो पर फ़र्ज़ किए गये
- ताकि तुम परहेज़गार (तक़वा वाले) बन जाओ।
~ सूरह बकर आयत न.183
रमजान हदीस इन हिंदी
ramzan hadees in hindi: रमजान बहुत पवित्र और सवाब का महीना है इसलिए जितना सवाब लूटना चाहते हो इस रमजान अल्लाह की इबादत और रोजा रहकर हासिल कर ले आगे कुछ और रमजान की हदीस इन हिंदी में लिखा हुआ पढ़े
- रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
- जिस ने रमज़ान के रोज़े ईमान और ख़ालिस
- नियत के साथ रखे उस के पिछले गुनाह
- बख़्श दिए गये।
~ सहीह बुख़ारी हदीस न. 38
- इफ़्तार के बाद की दुआ
- रसूलुल्लाह (ﷺ) जब रोज़ा इफ़्तार करते तो
- ये दुआ पढ़ते थे –
- ज़-हबज़ ज़-म-उ वब्-तल्लतिल् उरूकु व-स-बतल अज्रू इंशा-अल्लाह
- तर्जुमा- प्यास बुझ गई रगें तर हो गईं और अल्लाह ने चाहा तो अज्र भी साबित हो गया।
~ दाउद 2357
- रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:-
- रोजा़ (जहन्नुम की) आग से (बचाव के लिए) ढाल है
- जैसे तुम्हारे पास जंग में (बचाव के लिए) ढाल होती है।
~ 📓सुन्न निसाई : 2233
- नबी करीम ﷺ जब चाँद देखते थे तो कहते थे:
- अल्लाहुम्मा अहलिलहु अलैना बिल-युमनि वल-ईमान वस-सलामति वल-इस्लाम, रब्बी व रब्बुक अल्लाह
- तर्जुमा- अल्लाह मुबारक कर हमें ये चाँद, बरकत और ईमान और सलामती और इस्लाम के साथ, (ए चाँद) मेरा और तुम्हारा रब अल्लाह है”।
~ 📓(जामे तिरमिजी : 3451
- हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया :
- अगर तुम इतनी ग़लतियाँ करो की
- तुम्हारी ग़लतियाँ आसमान तक पहुँच जाये
- फिर तौबा करो तो (फिर भी) अल्लाह तुम्हारी तौबा क़ुबूल करेगा
~ इब्ने माजा 4248
- ऐ ईमान वालो रोज़े तुम पर फ़र्ज़ किए गये हैं
- जिस तरह तुमसे पहले लोगो पर फ़र्ज़ किए गये थे
- ताकि तुम परहेज़गार बनो
~ सुरह अल-बक़रा (2) आयत 183