मदरिया पहाड़ मेला कब है Madariya Pahad Mela 2023 Full Hindi मदरिया पहाड़ का मेला कब लगेगा madariya pahad ka mela मदरिया पहाड़ कहां पर है
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में मदरिया पहाड़ मेला हर साल लगता है मदरिया पहाड़ मेला हिंदी मुस्लिम एकता एंव आस्था का एक विशाल केंद्र है
हर साल सभी धर्मो के श्रद्धालु इस मदरिया पहाड़ मेला घुमने और बाबा हजरत बदीउद्दीन कुतबुल मदार पर जाकर अपने दिल की मुराद मांगते है
आगे जाने मदरिया पहाड़ मेला कब है 2023 और मदरिया पहाड़ का मेला कब लगता है? madariya pahad ka mela kab lagta Hai
मदरिया पहाड़ मेला
मेला का नाम | मदरिया पहाड़ |
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स्थान | नेपाल |
मदरिया पहाड़ मेला 2023 | मदरिया पहाड़ मेला हर साल/वर्ष फरवरी महीने में लगता है करीबन 15 दिन मदरिया पहाड़ मेला चलता है |
ऊंचाई | लगभग एक हजार फुट (1000 Foot) |
मदरिया पहाड़ कितने किलोमीटर है | NA |
मदरिया पहाड़ कहाँ है | मदरिया पहाड़ नेपाल में स्थित है एंव मदरिया पहाड़ का मेला/उर्स का आयोजन हर साल मनाया जाता है |
गोरखपुर से मदरिया पहाड़ की दूरी कितनी है | लगभग 277.0 Km है |
गोपालगंज से मदरिया पहाड़ की दूरी | 163 KM लगभग |
रास्ता | मदरिया पहाड़ का रास्ता गोरखपुर से होकर जाता है अन्य रास्ते भी है |
मदरिया पहाड़ मेला नेपाल में कब लगता है
Madariya Pahad Mela 2023: मदरिया पहाड़ का मेला हर वर्ष/साल फरवरी महीने में लगता है अगर आप 2023 में मदरिया पहाड़ मेला नेपाल घूमना चाहते है तो फरवरी महीने में जा सकते है
क्योकि हर साल फरवरी के महीने में मदरिया पहाड़ मेला लगता है और यह मेला लगभग तेरह दिन चलता है हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है यह मेला
उत्तर प्रदेश/बिहार/अन्य राज्य से भी लोग मदरिया पहाड़ मेला घुमने जाते है यह मेला नेपाल बॉर्डर से बहुत नजदीकी है इसलिए गोरखपुर शहर मदरिया पहाड़ मेला जाने का प्रमुख केंद्र माना जाता है
History: मदरिया पहाड़ मेला का इतिहास
- मदरिया पहाड़ का मेला गोरखपुर से सटे पड़ोसी देश नेपाल में स्थित है
- इस मदरिया पहाड़ में बाबा बदीउद्दीन की मजार स्थित है
- कहा जाता है बाबा बदीउद्दीन कुतबुल मदार बाबा मदार 600 वर्ष पूर्व कई देशो का भ्रमण करते हुए
- भाईचारे एंव मुहब्बत का पैगाम लेकर ईरान से आये थे
- जहा पर बाबा की मजार है कहा जाता है वह
- पाल पाली वंश के राजाओं के आदेश पर तत्कालीन जमीदार माधव पंजियार ने
- गुदरी गाँव के शेर बहादुर आमत्य के सहयोग से मदार गढ़ी में चिलाकसी (ध्यान धारणा) के लिए
- जमीन मुहैया कराया गया था
Mela: मदरिया पहाड़ मेला
- बाबा गरीब गुरबा जो अपने बीमारी से परेशान होते थे
- उन्हें मदार का दूध लगाने का सलाह देते थे
- इस तरह से बीमार को मदार के दूध से फायदा मिल जाता था
- मदार के दूध से बीमारों का इलाज करते थे
- इसलिए ही आपका नाम मदार बाबा पड़ा
- मदरिया पहाड़ का मेला जाने वाले श्रद्धालुयो के लिए
- पडरौना/पनीयहवा से फरवरी महीने में बस चलना शुरू हो जाती है
- साथ ही गोरखपुर से भी बस पकड़कर नेपाल बॉर्डर
- या फिर मदरिया पहाड़ का मेला जा सकते है
Madariya Pahad ka Rasta
Madariya Pahad ka Rasta: पहाड़ पर चढ़ कर गुजरता है नेपाल के महलबारी के बाद दुर्गम एंव पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो जाता है पहला पड़ाव गुद्दर बाबा है जहा पर कपड़े का कतरन चढाने की परम्परा है उसके बाद नगाडा है यहा पर मुजावार डंका बजाते है इसके बाद आता है नकदरवा जहा पर पहाड़ो की कठिन चढ़ाई शुरू होती है
मदरिया पहाड़ का रास्ता
इस जगह पर बहुत ही संभल कर चलना पड़ता है क्योकि हजारो की फिट की खाई यही से शुरू हो जाता है इसलिए जितना संभल कर चल सकते है चलते है इसके बाद आता है चौथा गेट जहा चावल का चढ़ावा चढाने की परम्परा है उसके बाद आता है पांचवा पहाड़ शुरू होता है यहा पर जंगली बाबा से लोग मन्नत मांगते है इस गेट को पार करते ही शुरू हो जाता है छठवा गेट, इस गेट को केवल महिलाए पार कर सकती है
इस गेट को सदर गेट के नाम से भी जाना जाता है इसके बाद सातवा पहाड़ कोहड़ा बाबा आता है अब इसके बाद आठवा पहाड़ आएगा जिसे शहजादी का मजार आता है इस मजार पर भुत प्रेत आत्मा से छुटकारा वाले लोग ठहरते है और आखिर पहाड़ यानी नौवा पहाड़ है मदरिया पहाड़ जिस मदरिया पहाड़ के बारे में आपको जानकारी दी जा रही है