हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे पीडीऍफ़ डाउनलोड Hanuman Chalisa Ke Fayde Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे बताएं
हिन्दू धर्म की मान्यता है कि जहा कही भी रामकथा होती है उस स्थान पर हनुमान जी किसी न किसी रूप में अवश्य आते है आइये आज जाने हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे एंव हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ डाउनलोड इन हिंदी
हनुमान जी की महिमा एंव भक्तहितकारी स्वभाव अपरम्पार है इसी को देखते हुए शायद तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखा हो जिससे हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सके हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa पढ़ने के फायदे लाभ बहुत है कुछ फायदे निम्नवत है:-
7 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
- 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
- अगर कोई हनुमान भक्त हनुमान चालीसा का पाठ 7 बार करे
- ऐसे में उस हनुमान भक्त की सभी कामनाए पूर्ण होगी
- 21 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
- अगर आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ 21 बार करे
- ऐसे में व्यापार में लाभ बना रहेगा
- 108 बार हनुमान चालीसा के फायदे
- अगर कोई व्यक्ति 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ रोजाना करे
- ऐसे में घर में ख़ुशी बनी रहेगी और भक्त के सभी बिगड़े कार्य में सफलता मिलेगी
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स इन हिंदी
Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi: अगर आप भी हनुमान जी के भक्त है ऐसे में आपके लिए हनुमान चालीसा लिख रहे है हनुमान चालीसा लिरिक्स, हनुमान चालीसा ,दोह, चौपाई हिंदी में
हनुमान चालीसा दोहा
- श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि
- बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि
- बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार
- बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार
श्री हनुमान चालीसा चौपाई
- जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
- जय कपीस तिहुं लोक उजागर
- रामदूत अतुलित बल धामा
- अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
- महाबीर बिक्रम बजरंगी
- कुमति निवार सुमति के संगी
- कंचन बरन बिराज सुबेसा
- कानन कुंडल कुंचित केसा
- हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
- कांधे मूंज जनेऊ साजै
- संकर सुवन केसरीनंदन
- तेज प्रताप महा जग बन्दन
- विद्यावान गुनी अति चातुर
- राम काज करिबे को आतुर
- प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
- राम लखन सीता मन बसिया
- सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
- बिकट रूप धरि लंक जरावा
- भीम रूप धरि असुर संहारे
- रामचंद्र के काज संवारे
- लाय सजीवन लखन जियाये
- श्रीरघुबीर हरषि उर लाये
- रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
- तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
- सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
- अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
- सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
- नारद सारद सहित अहीसा
- जम कुबेर दिगपाल जहां ते
- कबि कोबिद कहि सके कहां ते
- तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
- राम मिलाय राज पद दीन्हा
- तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
- लंकेस्वर भए सब जग जाना
- जुग सहस्र जोजन पर भानू
- लील्यो ताहि मधुर फल जानू
- प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
- जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
- दुर्गम काज जगत के जेते
- सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
- राम दुआरे तुम रखवारे
- होत न आज्ञा बिनु पैसारे
- सब सुख लहै तुम्हारी सरना
- तुम रक्षक काहू को डर ना
- आपन तेज सम्हारो आपै
- तीनों लोक हांक तें कांपै
- भूत पिसाच निकट नहिं आवै
- महाबीर जब नाम सुनावै
- नासै रोग हरै सब पीरा
- जपत निरंतर हनुमत बीरा
- संकट तें हनुमान छुड़ावै
- मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
- सब पर राम तपस्वी राजा
- तिन के काज सकल तुम साजा
- और मनोरथ जो कोई लाव
- सोइ अमित जीवन फल पावै
- चारों जुग परताप तुम्हारा है
- परसिद्ध जगत उजियारा
- साधु संत के तुम रखवारे
- असुर निकंदन राम दुलारे
- सम्पूर्ण हनुमान चालीसा क्लिक से पढ़े
श्री हनुमान चालीसा दोहा
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
hanuman chalisa doha in hindi
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप