औरत वजू का तरीका Aurat Ka Wazu Karne Ka Tarika: मर्द और औरत के लिए इस्लाम में अहकाम (अहकाम का अर्थ मतलब आज्ञाएँ, आदेश) बहुत सारी चीजो में एक सा है मतलब मर्द के जो इबादत है वही औरत के लिए भी इबादत है इस लेख में औरतों के वुजू का तरीका बताया जा रहा है
औरत वजू का तरीका हिंदी में
कुछ चीजे ऐसी भी है जिसमे मर्द और औरत के अहकाम में फर्क हो जाता है जैसे~ नमाज का तरीका, मर्द की नमाज का तरीका और औरत की नमाज में थोडा सा फर्क होता है औरत और मर्द की नमाज में क्या फर्क इसके बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे जाने मर्द और औरत के वजू में क्या फर्क है
वुजू की सुन्नत हिंदी में
Wuzu Ki Sunnat in Hindi वुजू की सुन्नत~
- नियत करना
- बिस्मिल्लाहहिर्रहमानरिर्र्हीम पढ़ना
- मिस्वाक करना
- पहले दोनों हाथ गट्टे तक धोना
- तीन बार कुल्ली करना, इस तरह से तमाम मुंह के अन्दर हलक की जड़ तक पहुँच जाए
- तीन मर्तबा नाक की तमाम नर्म जगह में पानी दौड़ना या पहुँचाना
- हाँथ पाँव की उंगलीयो का खिलाल करना
- हर अज्ब को तीन तीन बार धोना
- एक बार पुरे सर का मसह करना
- दोनों कानो का मसह करना
- तरतीब से वुजू करना
- हर मकरूह को छोड़ देना
Makroohat: वजू के मकरुहात जाने
Wuzu ke Makroohat~
- वजू के लिए नापाक जगह पर बैठना
- नापाक जगह पर वुजू का पानी गिराना
- आजाए वुजू से लोटे वगैरह में पानी टपकाना
- मस्जिद के अंदर वुजू करना
- मस्जिद के अन्दर, जहा नमाज अदा की जाती हो
- पानी में थूकना/नाक सिनकना
- किबला की तरफ थूकना/कुल्ली करना
- बे जरुरत दुनिया भर की बाते वुजू के दौरान करना
- ज्यादा पानी बेफजूल खर्च करना
- इतना कम पानी खर्च करना कि सुन्नत अदा न हो
वजू कैसे टूटता है Wazu Kaise Tutata Hai
- पाखाना/पेशाब/वदी, मजी/मनी/कीड़ा/पथरी
- जो मर्द के आगे/पीछे के मक़ाम से निकले ऐसे में वुजू टूट जाता है
- मर्द/औरत के पीछे से के मक़ाम से हवा का निकलें तो भी वजू टूट जाता है
- खून का पीप/पीले पानी का बदन के किसी हिस्से से निकलना और बहना
- खाना/पानी/सफरा का मुंह भर के आना इत्यादि से वुजू टूट जाता है
- इस तरह से सो जाना कि दोनों सुरीन अपनी जगह अच्छी तरह से न जमे हो
- चित्त/पट/करवट लेट कर सोने से भी वुजू टूट जाता है
- बेहोश.जूनून/गशी/इतना नशा कि चलने में पाँव लड़खड़ाये
- इससे भी वुजू टूट जाता है अधिक जानकारी के लिए पढ़े वजू टूटने के कारण
औरत वजू का तरीका
Aurat Ka Wazu Karne Ka Tarika: मर्द और औरत के वुजू में बुनयादी तौर पर कोई फर्क नहीं है मर्द जिस तरह से वजू करता, मर्द के लिए जो वजू की सुन्नते है वही सभी सुन्नते औरत के लिए भी वुजू में है
- वुजू में मिस्वाक करना मर्द के लिए सुन्नत है
- लेकिन औरत वुजू/वजू में आमतौर पर मिस्वाक नहीं करती है
- जब कि जिस तरह मर्द के लिए वजू में मिस्वाक करने का हुक्म है
- उसी तरह औरत के लिए वजू में मिस्वाक का हुक्म है
- अब बात करते है औरत का वुजू का तरीका क्या है ~
- तीन चीजे ऐसी है जिन्हें औरत को वजू के समय समय ध्यान रखना चाहिए
- औरत जेवर/जेवरात पहनी होती है~
- औरत वुजू जब करे तो अपने जेवर जैसे~ अंगूठी अगर ज्यादा टाइट है
- तो अंगूठी को निकाल लेना चाहिए
- क्योंकि वुजू का पानी सभी अंगुली पर जाना चाहिए
- ऐसे ही वुजू करते समय और भी जेवर कही बदन पर पहना हुआ है तो वजू का पानी वह तक पहुंचा देना है
- अगर अंगूठी नहीं निकाल सकते है ऐसे में अंगूठी को इधर उधर करके हाथ के खाल तक पानी पहुचाना चाहिए
- औरत का मसह का तरीका जाने क्योकि औरत यही पर अक्सर गलती करती है~
- मसह सर का किया जाता है चोटी या बाल खुला है उसका मसह नहीं करना है
- लेडिज जो कपड़ा पहनती है उसका आस्तीन काफी टाइट होता है
- ऐसे में औरत को वजू करते समय ढीला कपड़ा पहनना चाहिए
- फिर ऐसा कपड़ा, जिसमे आसानी से वुजू का पानी कोहनी तक पहुँच जाए
- यह फर्ज है जिस तरह मर्द के लिए कोहनी तक वजू का पानी जाना फर्ज है ठीक औरत के लिए भी फर्ज है
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